प्रमोशन में आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद भी प्रदेश में प्रमोशन से रोक न हटाए जाने से नाराज जनरल ओबीसी कर्मचारियों ने आरपार की जंग का एलान कर दिया है। बृहस्पतिवार को राजधानी में आयोजित महारैली में दो मार्च से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने के साथ ही पांच मार्च से आवश्यक सेवाएं तक ठप करने की चेतावनी दी गई।
सरकार को आगाह करने के लिए 26 फरवरी को सभी कर्मचारी जिला मुख्यालयों पर मशाल जुलूस निकालेंगे। प्रमोशन पर लगी रोक न हटी तो तीन मार्च से गैरसैंण (भराड़ीसैंण) में होने वाले विधानसभा सत्र का बहिष्कार किया जाएगा।
उत्तराखंड जनरल ओबीसी इंप्लाइज एसोसिएशन के आह्वान पर बृहस्पतिवार को परेड ग्राउंड में आयोजित महारैली में प्रदेशभर से बड़ी संख्या में कर्मचारी जुटे। एसोसिएशन के बैनर तले उत्तराखंड सचिवालय संघ, राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद, राज्य निगम कर्मचारी महासंघ, प्राथमिक शिक्षक संघ, पर्वतीय कर्मचारी शिक्षक संघ, वाहन चालक महासंघ, गढ़वाल सभा, उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच समेत कई सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने महारैली में उपस्थिति दर्ज कराई। पौड़ी, चमोली, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग और कुमाऊं के कई जिलों से कर्मचारी महारैली में अपना विरोध दर्ज कराने पहुंचे।
कर्मचारियों के उमड़े हुजूम से पुलिस प्रशासन की पेशानी पर भी बल पड़ गए। तगड़ी मशक्कत और गुजारिश के बाद कर्मचारियों ने घंटाघर की ओर से महारैली का मार्ग बदला। मुख्यमंत्री आवास तक कूच पर निकले कर्मचारियों के हुजूम को हाथीबड़कला मार्ग पर बैरिकेडिंग लगाकर पुलिस ने रोक दिया। कर्मचारी वहीं धरने पर बैठ गए और करीब शाम चार बजे तक जमे रहे।
सरकार को आगाह करने के लिए 26 फरवरी को सभी कर्मचारी जिला मुख्यालयों पर मशाल जुलूस निकालेंगे। प्रमोशन पर लगी रोक न हटी तो तीन मार्च से गैरसैंण (भराड़ीसैंण) में होने वाले विधानसभा सत्र का बहिष्कार किया जाएगा।
उत्तराखंड जनरल ओबीसी इंप्लाइज एसोसिएशन के आह्वान पर बृहस्पतिवार को परेड ग्राउंड में आयोजित महारैली में प्रदेशभर से बड़ी संख्या में कर्मचारी जुटे। एसोसिएशन के बैनर तले उत्तराखंड सचिवालय संघ, राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद, राज्य निगम कर्मचारी महासंघ, प्राथमिक शिक्षक संघ, पर्वतीय कर्मचारी शिक्षक संघ, वाहन चालक महासंघ, गढ़वाल सभा, उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच समेत कई सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने महारैली में उपस्थिति दर्ज कराई। पौड़ी, चमोली, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग और कुमाऊं के कई जिलों से कर्मचारी महारैली में अपना विरोध दर्ज कराने पहुंचे।
कर्मचारियों के उमड़े हुजूम से पुलिस प्रशासन की पेशानी पर भी बल पड़ गए। तगड़ी मशक्कत और गुजारिश के बाद कर्मचारियों ने घंटाघर की ओर से महारैली का मार्ग बदला। मुख्यमंत्री आवास तक कूच पर निकले कर्मचारियों के हुजूम को हाथीबड़कला मार्ग पर बैरिकेडिंग लगाकर पुलिस ने रोक दिया। कर्मचारी वहीं धरने पर बैठ गए और करीब शाम चार बजे तक जमे रहे।
सरकार को नोटिस विस सत्र में लाए अध्यादेश
महारैली के दौरान हुई आमसभा में फैसला हुआ कि जनरल ओबीसी इंप्लाइज एसोसिएशन सरकार को नोटिस भेजेगी कि एक मार्च तक आरक्षण मुक्त पदोन्नति का शासनादेश जारी किया जाए। विधानसभा सत्र में अध्यादेश लाकर पदोन्नति में आरक्षण समाप्त करने का कानून बनाया जाए। ऐसा न होने पर अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू हो जाएगी।
कर्मचारियों का धैर्य जवाब दे चुका है। सरकार के पास अब भी वक्त है। वह सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आलोक में पदोन्नति से रोक हटा दे। ऐसा न होने पर कर्मचारियों के पास बेमियादी हड़ताल पर जाने के सिवाय कोई चारा नहीं है। - दीपक जोशी, प्रदेश अध्यक्ष, उत्तराखंड जनरल ओबीसी इंप्लाइज एसोसिएशन
ये है मांग
जनरल ओबीसी कर्मचारियों की दो प्रमुख मांगें हैं। वे पदोन्नति से तत्काल रोक हटाना चाहते हैं। साथ ही यह भी चाहते हैं कि सीधी भर्ती के पदों में आरक्षण रोस्टर से कोई छेड़छाड़ न की जाए।
सचिवालय में कामकाज रहा ठप, विभागों में भी सन्नाटा
प्रमोशन में आरक्षण के खिलाफ आयोजित महारैली के चलते उत्तराखंड राज्य सचिवालय में कामकाज पूरी तरह से ठप रहा। सचिवालय के जनरल और ओबीसी कर्मचारी बड़ी तादाद में महारैली में शामिल होने पहुंचे। कुछ ऐसा ही सन्नाटा राजधानी स्थित कई विभागों और जिला कार्यालयों में दिखाई दिया। यहां भी कर्मचारी हाजिरी लगाकर सीधे परेड ग्राउंड पहुंच गए।
जनरल ओबीसी इंप्लाइज एसोसिएशन की अपील पर राज्य सचिवालय में सुबह साढ़े नौ बजे कर्मचारी एटीएम चौक के बाहर इकट्ठा हुए। वहां से एक रैली की शक्ल में सीधे परेड ग्राउंड स्थित महारैली स्थल पर पहुंचे। बड़ी संख्या में जनरल ओबीसी कर्मचारियों के महारैली में जाने से सचिवालय के अनुभागों में सन्नाटा पसर गया।
अनुसेवक से लेकर अधिकारियों तक के कर्मचारियों ने बड़ी संख्या में महारैली में उपस्थिति दर्ज कराई। सचिवों और अपर सचिवों के निजी सचिव तक महारैली में शामिल हुए। शाम चार बजे के बाद उनकी वापसी के बाद सचिवालय में कुछ चहल पहल लौटी। उधर, यही आलम राजधानी के स्थित निदेशालयों और कार्यालयों में दिखा। वहां से भी कर्मचारी बड़ी संख्या में महारैली में शामिल होने पहुंचे।
कुछ कर्मचारियों के पर्स गुम
जूलूस में भीड़ का जेबकतरों ने जमकर लाभ उठाया। परेड ग्राउंड से हाथीबड़कला रास्ते पर जेबकतरों ने कई कर्मचारियों के जेल खाली कर दी। बाद में कुछ कर्मचारियों के खाली पर्स हाथीबड़कला के सामने नालियों में गिरे मिले। कुछ कर्मचारियों के पर्स गुम हो चुके थे।
कर्मचारियों का धैर्य जवाब दे चुका है। सरकार के पास अब भी वक्त है। वह सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आलोक में पदोन्नति से रोक हटा दे। ऐसा न होने पर कर्मचारियों के पास बेमियादी हड़ताल पर जाने के सिवाय कोई चारा नहीं है। - दीपक जोशी, प्रदेश अध्यक्ष, उत्तराखंड जनरल ओबीसी इंप्लाइज एसोसिएशन
ये है मांग
जनरल ओबीसी कर्मचारियों की दो प्रमुख मांगें हैं। वे पदोन्नति से तत्काल रोक हटाना चाहते हैं। साथ ही यह भी चाहते हैं कि सीधी भर्ती के पदों में आरक्षण रोस्टर से कोई छेड़छाड़ न की जाए।
सचिवालय में कामकाज रहा ठप, विभागों में भी सन्नाटा
प्रमोशन में आरक्षण के खिलाफ आयोजित महारैली के चलते उत्तराखंड राज्य सचिवालय में कामकाज पूरी तरह से ठप रहा। सचिवालय के जनरल और ओबीसी कर्मचारी बड़ी तादाद में महारैली में शामिल होने पहुंचे। कुछ ऐसा ही सन्नाटा राजधानी स्थित कई विभागों और जिला कार्यालयों में दिखाई दिया। यहां भी कर्मचारी हाजिरी लगाकर सीधे परेड ग्राउंड पहुंच गए।
जनरल ओबीसी इंप्लाइज एसोसिएशन की अपील पर राज्य सचिवालय में सुबह साढ़े नौ बजे कर्मचारी एटीएम चौक के बाहर इकट्ठा हुए। वहां से एक रैली की शक्ल में सीधे परेड ग्राउंड स्थित महारैली स्थल पर पहुंचे। बड़ी संख्या में जनरल ओबीसी कर्मचारियों के महारैली में जाने से सचिवालय के अनुभागों में सन्नाटा पसर गया।
अनुसेवक से लेकर अधिकारियों तक के कर्मचारियों ने बड़ी संख्या में महारैली में उपस्थिति दर्ज कराई। सचिवों और अपर सचिवों के निजी सचिव तक महारैली में शामिल हुए। शाम चार बजे के बाद उनकी वापसी के बाद सचिवालय में कुछ चहल पहल लौटी। उधर, यही आलम राजधानी के स्थित निदेशालयों और कार्यालयों में दिखा। वहां से भी कर्मचारी बड़ी संख्या में महारैली में शामिल होने पहुंचे।
कुछ कर्मचारियों के पर्स गुम
जूलूस में भीड़ का जेबकतरों ने जमकर लाभ उठाया। परेड ग्राउंड से हाथीबड़कला रास्ते पर जेबकतरों ने कई कर्मचारियों के जेल खाली कर दी। बाद में कुछ कर्मचारियों के खाली पर्स हाथीबड़कला के सामने नालियों में गिरे मिले। कुछ कर्मचारियों के पर्स गुम हो चुके थे।